Pitambari (Yellow & Blue)
variety of Sapphires. These Bi Color Sapphires have both Yellow and Blue
hues in varying proportions.
पितांबरी •••
इस अलौकिक रत्न के बारे में कुछ भी पूरी तरीके से नहीं कहा जा सकता, हम सब जानते हैं पुखराज, नीलम इत्यादि रत्न होते हैं, अगर हम विस्तार से समझाएं तो रत्न मात्र पुखराज ही होता है - नीले पुखराज को नीलम कहा जाता है, पीले पुखराज को मात्र पुखराज कह दिया जाता है, और सफेद पुखराज , हरा पुखराज इत्यादि स्टोंस होते हैं, पुखराज को ही अंग्रेजी में सफायर कहा जाता है । इसीलिए येलो सैफायर, ब्लू सफायर , ग्रीन सफायर , व्हाइट सैफायर यह शब्द बने हैं ।
पितांबरी दो रंगों या तीन रंगों वाले पत्थर को कहा जाता है , पीत पीला होता है, अंबर नीला होता है, पितांबर का अर्थ हुआ - पीला + नीला , जैसा हम जानते हैं कि पुखराज बृहस्पति ग्रह के लिए होता है और नीलम याने नीला पुखराज शनि ग्रह के लिए , जिस व्यक्ति की कुंडली में यह आवश्यकता होती है कि उसे बृहस्पति वा शनि की करेक्शन करने की जरूरत है याने उन्हें सुधारने की जरूरत है , तो उसको नीलम व पुखराज पहनाए जा सकते हैं, लेकिन कभी-कभी यदि किसी को नीलम प्योर तौर पर सूट नहीं करता, तो हमारे लिए आवश्यक हो जाता है कि उसको दो रंग के तौर पर पितांबरी के रूप में बनाया जाए, ऐसा ही यदि पुखराज सूट नहीं करता लेकिन बृहस्पति की करेक्शन की आवश्यकता है तो उसको भी पितांबरी के तौर पर बनाया जाता है , कभी-कभी ऐसा होता है कि यह दोनों ही बहुत अच्छे से सूट नहीं करते - यानी नीलम पुखराज यदि किसी व्यक्ति को पूरे सूट नहीं करते लेकिन बृहस्पति और शनि को ठीक करने की आवश्यकता है तो 3 रंग का पितांबरी पहनाया जाता है, उसमें सफेद रंग साथ में आता है, यह प्राकृतिक ही है, यानी सफेद पुखराज का हिस्सा जिसमें शुक्र ग्रह का असर सम्मिलित होता है , यह इतना टेक्निकल है कि यदि कलर का कॉन्बिनेशन सही नहीं होगा तो वह कार्य नहीं करेगा , इसलिए विशेष तौर पर यह जानकर- देखकर- समझकर कि कैसा रंगों का आपस में तालमेल है सही पत्थर चुनकर ही पहनना आवश्यक है, इसीलिए कई बार सही पत्थर ना होने की वजह से वह सूट नहीं करता और लोगों में यह भ्रांति बैठ जाती है कि मुझे फलाना पत्थर सूट नहीं किया । पितांबरी जैसा पत्थर अनेकों अनेक असर करता है , दो या तीन अंगूठी पहनने से बेहतर होता है कि एक ही अंगूठी पहन ली जाए तो उंगलियां भरी हुई नहीं लगती , हमारे शरीर के मूलाधार और स्वाधिष्ठान चक्रों की पूर्ण करेक्शन के लिए पितांबरी एक उत्तम पत्थर है , सही अनुपात के रंगों का पत्थर पहनने से श्रेयस्कर फल मिलता हैं व जीवन में उचित परिवर्तन आता है । ॐ