मंगल सुविचार

मंगल सुविचार


 

जो मेरे भाग्य में नहीं है,उसे दुनिया की कोई भी शक्ति मुझे नहीं दे सकती 


और जो मेरे भाग्य में है, उसे दुनिया की कोई भी शक्ति, छीन नहीं सकती।


ईश्वरीय शक्ति असंभव को संभव बनाती है।


अतः कर्म ही ‘‘कामधेनु’’ एवम् प्रार्थना ही ‘‘पारसमणि ’’ है।


हमेशा शांत चित तथा हंसमुख रहो।


आज का पुरुषार्थ ही कल का भाग्य बनने वाला है।


अवगुण अपने और गुण दूसरों के देखो।


तीखे शब्द कमज़ोर पक्ष की निशानी हैं।


अच्छी नसिहत मानना अपनी ही योग्यता बढ़ाना है।


मनुष्य इतना बुराई से नहीं डरता, जितना बदनामी से।


प्रेम या दुश्मनी हमेशा स्थिर नहीं रहते।


क्रोध मस्तिष्क के दीपक को बुझा देता है।


एक बुराई दूसरी बुराई को जन्म देती है।


धन और पेड़ की छाया समय के साथ-साथ घटते-बढ़ते हैं।


धन जीवन के लिए कमाओ, न कि जीवन धन एकत्र करने में गँवाओ।


कोई हमें एक बार धोखा देता है, तो ये उसकी गलती है।


अगर दोबारा धोखा देता है, तो ये हमारी गलती है।


अपने साथ की गई बुराई को रेत पर लिखो, और अपने साथ की गई भलाई को पत्थर पर।


भगवान पर विश्वास करने वालो के, सारे काम स्वंय हो जाते हैं।